जो माँ के गर्भ में थे वो भी बने उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी


उत्तराखंड राज्य के लिए आन्दोलन करने वाले आज तक सरकार और छुटभैये नेताओं के कारण चिह्नित नही किये जा सके जबकि राज्य निर्माण के समय जिनका जन्म भी ना हुआ था उनको राज्य आन्दोलनकारी का प्रमाणपत्र दिया गया है|


 

हरिद्वार निवासी पत्रकार ठाकुर मनोज ने इस बड़े षड्यंत्र को हरिद्वार जिलाधिकारी के समक्ष उठाया दो कई नकली आन्दोलनकारियों ने अपने प्रमाणपत्र निरस्त करने के लिए प्रशासन को जमा करावा दिए|

 

उत्तराखंड के भाग्य में यह नकली असली का खेल मात्र राज्य आन्दोलनकारी तक ही सिमित नही है| हिन्दु धर्म के कि चार शंकराचार्य पीठों में सर्वोक्ष ज्योतिष पीठ, जोशीमठ नकली शंकारचार्य के विवाद में काफी समय तक रही जिसको न्यायालय ने वर्तमान में स्वामी स्वरूपानंद को वास्तविक शंकराचार्य माना|

 

यह विवाद समाप्त हुआ तो हरिद्वार के भूमा निकेतन के महंत स्वामी अच्युतानंद ने स्वम् को शारदा-द्वारका पीठ का शंकारचार्य घोषित कर दिया जिसपर अखाडा परिषद् सहित तीनो शंकराचार्य ने अपनी अप्पति दर्ज करवाईं तथा शारदा-द्वारका पीठ पर स्वामी अच्युतानंद के प्रवेश पर प्रतिबंध लगया|

 

अब उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी चिन्हीकरण पर सत्ता व अपने सगे सम्बन्धियों को चिन्हित कर उत्तराखंड के वास्तविक आन्दोलनकारियों को दर दर कि ठोकर खाने को मजबूर किया गया|

 

 

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