क्या ताजमहल का सोमनाथ से कोई संबन्ध है ?

ये लेख मेरी कल्पना नही वरन् कुछ प्रचलित कथाओं का सार है ,
महाभारत क् पश्चाताप जब श्री कृष्ण ने देहावसान करने का निर्णय लिया उस से पहले उन्होंने भगवान शिव के मंदिर का निर्माण किया , उसका मुख्य कारण था उनकी संवतका मणी जो कि रेडियम की बनी थी , यह एक विध्वंस कारी पदार्थ है , उन्होंने जब मंदिर निर्माण किया तो उसमें एक शिवलिंग स्थापित किया और शिव और शक्ति के बीच में वो मणी भी स्थापित कर दी , अब आप सोचोगे कि इसके लिये शिव मंदिर की क्या जरूरत थी तो मैं आपको समझता हूं , शिवलिंग में बेल पत्र , केला और दूध चढाया जाता है बेल पत्र रेडियम के प्रसार को सोक लेता है , आपने सुना होगा कि गजनवी ने १७ बार सोमनाथ पर हमला किया और लूटा ,लेकिन उसे दरवाजे, खिडकी उखाड़ कर ले जाने की क्या जरूरत पडी ? फिर क्यों उसने उन्हें रास्ते में फेंक दिया ? क्योंकी रेडियम की किरणों की वजह से उनमें चमक आ जाती थी लेकिन बाद में उसे पता चलता कि ये सिर्फ लोहा है तो वो फेंक देता था । इसी चमक ने उसे १७ बार आक्रमण करने को मजबूर किया , यही बात राजा जय सिंह को पता चली तो उन्होंने वो मणी वहां से निकालकर अपने राज्य मे बने तेजोमहल में स्थापित कर दी , और चारों तरफ बेल-पत्र के पेड़ लगा दिये , बाद में शाहजहाँ ने वो मंदिर हथिया लिया और उसे कब्र का रूप दे दिया , लेकिन क्या वो मणी आज भी वहां है? , आपने गौर किया होगा कि ताजमहल के गुम्बद में हल्की दरारे पड़ने लगी हैं कारण है रेडियम का प्रसार , वहां लगे बेल-पत्र इसका प्रमाण देते हैं , ६०० मील दूर मरी बेगम की कब्र वहां बने मुमकीन नही है ,
अब वो मणी कहां है और गुम्बद में प्रवेश क्यों वर्जित है ,? ये एक बड़ा प्रश्न है ।
हर हर महादेव


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